(ये कैसा एहसास है तू)
(ये कैसा एहसास है तू)
कैसे कहूं क्या एहसास है तू
रोम - रोम को सुकून मिलने वाला प्यारा - सा एहसास है तू
या मेरे चेहरे की प्यारी सी मुस्कुराहट है तू
कैसे कहूं क्या एहसास है तू
बूंद - बूंद की प्यास है तू
या झमाझम बारिशो की बरसात है तू
कैसे कहूं क्या एहसास है तू
बहते हुए झरने की सरसराहट है तू
या चमकते सूरज की चमचमाहट है तू
कैसे कहूं क्या एहसास है तू
✍️दुर्गाप्रसाद सेन
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