प्रकृति का संदेश

(प्रकृति का संदेश)

चिड़ियों से है उड़ना सीखा ,

तितली से इठलाना ।

भंवरो की गुंजन से सीखा ,

राग मधुरतम गाना ।
तेज लिया सूरज से हमने ,

चांद से शीतल छाया ।

टीम -टीम करते तारो की ,

हम समझ गए सब माया ।
सागर ने सिखलाई हमको ,

गहरी सोच की धारा ।

गगनचुंबी पर्वत से सीखा ,

हो ऊंचा लक्ष्य हमारा ।
समय की टिक - टिक ने समझाया ,

सदा ही चलते रहना ।

मुश्किल कितनी आन पड़े ,

पर कभी ना धीरज खोना ।
प्रकृति के कण - कण में  है ,

सुन्दर सन्देश समाया ।


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