सीखो
फूलो से नित हंसना सीखो ,
भोंरो से नित गाना ।
फल से लदी डालियों से नित ,
सीखो शीश झुकाना ।
सिख हवा के झोंके से लो ,
कोमल-कोमल बहना ।
दूध तथा पानी से सीखो ,
मेल- जोल से रहना ।
सूरज की किरणों से सीखो ,
जगना और जगाना ।
लता और पेड़ों से सीखो ,
सबको गले लगाना ।
दीपक के जलने से सीखो ,
अन्धकार को हरना ।
पृथ्वी से सीखो सबको नित ,
सच्ची सेवा करना ।
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